पूरा नाम :- जवाहरलाल मोतीलाल नेहरु.
जन्म :- 14 नव्हंबर 1889.
जन्मस्थान :- इलाहाबाद (उत्तर प्रदेश).
पिता :- मोतीलाल नेहरु.
माता :- स्वरूपरानी नेहरु.
शिक्षा :- 1910 में केब्रिज विश्वविद्यालय के ट्रिनटी कॉलेज से उपाधि संपादन की.
1912 में ‘इनर टेंपल’ इस लंडन कॉलेज से बॅरिस्ट बॅरिस्टर की उपाधि संपादन की.
विवाह :- कमला के साथ (1916 में).
एक नजर में जवाहरलाल नेहरु की जानकारी –
1912 में इग्लंड से भारत आने के बाद जवाहरलाल नेहरु इन्होंने अपने पिताजी के ज्यूनिअर बनकर इलाहाबाद उच्च न्यायालय में वकील का व्यवसाय शुरु किया.
1916 में राजनीती का कार्य करने के उद्देश से पंडित नेहरू ने गांधीजी से मुलाकात की.
1916 में उन्होंने डॉ.अॅनी बेझंट इनके होमरूल लीग में प्रवेश किया. 1918 में वो इस संघटने के सेक्रेटरी बने. उसके साथ भारतीय राष्ट्रीय कॉग्रेस के कार्य में भी उन्होंने भाग लिया.
1920 में महात्मा गांधी ने शुरु किये हुये असहयोग आंदोलन में नेहरूजी शामील हुये. इस कारन उन्हें छह साल की सजा हुयी.
1922 -23 में जवाहरलाल नेहरूजी इलाहाबाद नगरपालिका के अध्यक्ष चुने गये.
1927 में नेहारु जी ने सोव्हिएल युनियन से मुलाकात की.
1929 में लाहोर में राष्ट्रिय कॉग्रेस के ऐतिहासिक अधिवेशन के अध्यक्ष चुने गये इसी अधिवेशन भारतको स्वतंत्र बनानेका निर्णय लिया गया और ‘संपूर्ण स्वातंत्र्य’ का संकल्प पास किया गया.
26 जनवरी 1930 यह दिन राष्ट्रीय सभा में स्थिर किया गया. हर ग्राम में बड़ी सभाओका आयोजन किया गया. जनता ने स्वातंत्र्य के लिये लढ़नेकी शपथ ली इसी कारन 26 जनवरी यह दिन विशेष माना जाता है.
भारत स्वतंत्र होने के बाद वों स्वतंत्र भारत के पहले पंतप्रधान बने. जीवन के आखीर तक वो इस पद पर रहे. 1950 में पंडित नेहरु ने नियोजन आयोग की स्थापना की.
जवाहर लाल नेहरू की क़िताबे :-
1. आत्मचरित्र (1936) (Autobiography).
2. दुनिया के इतिहास का ओझरता दर्शन (1939) (Glimpses Of World History).
3. भारत की खोज (1946) (The Discovery Of India) आदि.
Jawaharlal Nehru Award –पुरस्कार :-
*1955 में भारत का सर्वोच्च नागरी सम्मान ‘भारत रत्न’ पंडित नेहरु को देकर उन्हें सम्मानित किया गया.
Jawaharlal Nehru – विशेषता :-
1. आधुनिक भारत के शिल्पकार.
2. पंडित नेहरु का जन्मदिन 14 नवम्बर ये ‘बालक दिन’ के रूप में मनाया जाता है.
Jawaharlal Nehru Death –
मृत्यु :- 27 मई 1964 को यह महापुरुष सदा के अग्रदूत लिये चला गया.
आधुनिक भारत के निर्माता एवं विश्व शांति के रूप में पं. जवाहरलाल नेहरु का नाम सदैव इतिहास में अमर रहेगा.
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